प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता जीवन भर की प्रतिज्ञा है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे स्वच्छता को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने के प्रण लें। स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आज नई दिल्ली में स्वच्छता ही सेवा 2024 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने के लिए 140 करोड़ भारतीयों की अटूट भावना को नमन किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता में सभी ने योगदान दिया है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज दुनिया के विभिन्न हिस्सों में स्वच्छता से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस अभियान में कई राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवा पखवाड़ा के केवल 15 दिनों में देश में 27 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें 28 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें महात्मा गांधी और देश की अन्य महान हस्तियों के सपनों के भारत को सच्चाई में बदलने के लिए प्रेरित करता है। श्री मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की सफलता में सभी देशवासियों, स्वच्छता कार्यकर्ताओं, धार्मिक नेताओं, एथलीटों, मशहूर हस्तियों, गैर सरकारी संगठनों और मीडिया कर्मियों के योगदान की सराहना की।
श्री मोदी ने 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से आज शुरू की गई परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मिशन अमृत के अंतर्गत विभिन्न शहरों में जल, मल शोधन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे से जुड़े कार्यों और कूडे से बायोगैस बनाने के गोबरधन संयंत्र से स्वच्छ भारत मिशन को नई ऊंचाई मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आज से एक हजार साल बाद भी जब 21वीं सदी के भारत का अध्ययन किया जाएगा तब स्वच्छ भारत अभियान को निश्चित तौर पर याद किया जाएगा। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छ भारत मिशन विश्व का सबसे बड़ा और लोगों की भागीदारी से तथा लोगों के नेतृत्व में चलाया गया इस सदी का सबसे सफल और वृहद आंदोलन है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से दस साल पहले देश की साठ प्रतिशत आबादी खुले में शौच के लिए मजूबर थी जो मानव के सम्मान के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से दलितों, पिछडे वर्गों और जनजातीय समुदायों के लिए अपमानजनक था। महिलाओं को इससे विशेषकर असुविधा होती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग से शौचालयों के निर्माण से लड़कियों के स्कूल छोड़ने की संख्या में कमी आई है। यूनिसेफ के अध्ययन का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साफ-सफाई की बेहतर स्थिति के कारण ग्रामीण परिवार प्रति वर्ष औसतन पचास हजार रुपये की बचत कर पा रहे हैं। श्री मोदी ने यह भी कहा कि पहले बार-बार बीमार पड़ने के कारण यह धनराशि इलाज पर खर्च हो जाती थी साथ ही बीमार होने के कारण काम पर न जा सकने के कारण आमदनी को स्रोत बंद हो जाता था।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता और साफ-सफाई से जुड़ी 9,600 करोड़ रुपये से ज्यादा की विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत की। इन परियोजनाओं में अमृत और अमृत 2, स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन और गोबरधन योजना के तहत 15 संपीड़ित बायोगैस संयंत्र परियोजनाएं शामिल हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी, आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू और विभिन्न मंत्रालयों के सचिव उपस्थित थे।