बहुस्तरीय कनेक्टिविटी के लिए प्रधानमंत्री गतिशक्ति नेशनल मास्टर योजना आज तीन वर्ष पूरे कर रही है। विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों को बहुस्तरीय कनेक्टिविटी अवसंरचना प्रदान करने के लिए 2001 में इस मास्टर योजना का शुभारंभ किया गया था। प्रधानमंत्री गतिशक्ति ने मूलभूत परियोजनाओं के कार्यान्वयन और योजना बनाने के लिए 44 केंद्रीय मंत्रालयों तथा 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एकीकृत किया है।
इस योजना ने विभिन्न मंत्रालयों की 15 लाख करोड़ रूपये से अधिक की लागत की दो सौ आठ बड़ी मूलभूत परियोजनाओं के मूल्यांकन करने की उपलब्धि हासिल की है। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति का उद्देश्य लॉजिस्टिक लागतों में कटौती, 2030 तक 25 शीर्ष देशों की रैंकिंग में शामिल भारत के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में सुधार लाना और आंकड़ों पर आधारित नीति निर्णय को बढ़ावा देना है।
सरकार अवसंरचना और विकास गतिविधियों की योजना बनाने के लिए प्रासंगिक आंकड़े एकत्रित करने के लिए गैर सरकारी प्रयोगकर्ताओं को पहुंच प्रदान करने पर भी विचार कर रही है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति ने मूलभूत परियोजनाओं के कार्यान्वयन और उनकी योजना बनाने के तरीकों में एक आदर्श बदलाव लाया है। उन्होंने कहा कि कई मंत्रालयों और राज्यों से मिले आंकड़ों के आधार पर सरकार ने अधिक कुशल, पारदर्शी और परिणामपरक प्रणाली का सृजन किया है।
श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति का प्रभाव परियोजनाओं के तीव्र कार्यान्वयन, कम लॉजिस्टिक लागत और देश के हर क्षेत्र में पहुंचने वाली बेहतर सेवाओं में देखा जा रहा है।