मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश सरकार स्प्रिंग शेड मैनेजमेंट और जलवायु संरक्षण की दिशा में प्राथमिकता से कार्य कर रही है। वे आज देहरादून में नीति आयोग की ओर से “भारतीय हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास के लिए स्प्रिंग सेट प्रबंधन और जलवायु अनुकूलन रणनीतियां“ विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को ‘देश का वॉटर टावर’ कहा जाता है और प्रदेश में जल संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए प्रदेश सरकार ने स्प्रिंग सेट एंड रिवर रिजुवेनेशन एजेंसी- सारा का गठन किया है। इसके माध्यम से, प्रदेश में 5 हजार 500 जमीनी जल स्रोतों और 2 हजार 292 सहायक नदियों का पुनरुद्धार और संरक्षण कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की, कि यह कार्यशाला उत्तराखण्ड ही नहीं, बल्कि देश के पर्वतीय क्षेत्रों के प्राकृतिक जल स्रोतों के वैज्ञानिक पुनर्जीवीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।
कार्यशाला में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के. बेरी ने हिमालयी राज्यों में खाली हो रहे गांवों को फिर से पुनर्जीवन दिए जाने के लिए बाहर बस गए लोगों को अपने गांवों में वापस लाने के लिए जागरूक करने पर जोर दिया।