भागीरथी ईको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत आने वाले 88 गांवों में सड़कों और अन्य मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने देहरादून में आयोजित बैठक में प्रस्तावित विभिन्न विकास योजनाओं को मंजूरी दी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि जोन से संबंधित प्रकरणों का तत्परता से अनुश्रवण करने के लिए मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक अब हर तीसरे महीने आयोजित होगी और इससे संबंधित कार्रवाई करने के लिए किसी विभाग को नामित करने या जिला विकास प्राधिकरण को यह जिम्मा सौंपे जाने पर भी विचार किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि स्थानीय लोगों के हितों और विकास के साथ ही चारधाम यात्रा पर बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए इस क्षेत्र में अनेक विकास कार्य किए जाने जरूरी हैं। गौरतलब है कि उत्तरकाशी से लेकर गंगोत्री तक के लगभग 100 किलोमीटर लम्बे और लगभग चार हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को भागीरथी इको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है।
बैठक में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने भागीरथी इको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना, इसके अनुपालन और वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में भागीरथी ईको सेंसेटिव जोन में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रस्तावित नौ सड़कों की अनुमति का प्रस्ताव रखा गया। इन प्रस्तावों को पर्यावरणीय मानकों का अनुपालन करते हुए सशर्त अनुमति दी गयी। बैठक में दो मेगावाट क्षमता वाली दो नई परियोजनाओं पर आगे की कार्रवाई करने और तीन निर्माणाधीन परियोजनाओं पर फिर से विचार करने की सहमति जताई गई।
बैठक में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने भागीरथी इको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना, इसके अनुपालन और वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में भागीरथी ईको सेंसेटिव जोन में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रस्तावित नौ सड़कों की अनुमति का प्रस्ताव रखा गया। इन प्रस्तावों को पर्यावरणीय मानकों का अनुपालन करते हुए सशर्त अनुमति दी गयी। बैठक में दो मेगावाट क्षमता वाली दो नई परियोजनाओं पर आगे की कार्रवाई करने और तीन निर्माणाधीन परियोजनाओं पर फिर से विचार करने की सहमति जताई गई।