प्रदेश में 6 जिलों के 200 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें से अधिकतर तराई क्षेत्र के हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में आज स्कूल और कॉलेज बंद रहे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की बाढ़ बटालियन की टीमें तैनात की गई हैं।
प्रदेश में बदायूं में गंगा, लखीमपुर खीरी में शारदा, बाराबंकी में घाघरा, बलरामपुर में राप्ती, सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती और गोण्डा में क्वानो नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इनमें शारदा, घाघरा, राप्ती और क्वानो नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी लगातार दर्ज की जा रही है। वहीं अयोध्या में घाघरा नदी और श्रावस्ती, गोरखपुर और सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी खतरे के निशान से आधा मीटर नीचे बह रही है। भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण पीलीभीत, लखीमपुर, कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और गोंडा जिलों के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राहत आयुक्त कार्यालय ने पहली बार नेपाल बॉर्डर से सटे तराई के इलाकों में राहत और बचाव के लिये त्रिस्तरीय इंतजाम किये हैं। सीमा के निकटवर्ती इलाकों में एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। इसके बाद के इलाकों में एसडीआरएफ और तीसरे स्तर पर पीएसी को मुस्तैद किया गया है।
बदायूं में हो रही बारिश एवं नरौरा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा नदी उफान पर है, जिससे बदायूं के कछला गंगा घाट पर बाढ़ का पानी आ गया है।
अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 3 सेमी नीचे रह गया है और एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार बढ़ रहा है। जनपद की तीन तहसीलों रुदौली, सोहावल और सदर के तटीय क्षेत्र के लगभग 18 गांव बाढ़ की संभावित स्थितियों से प्रभावित होंगे। प्रशासन ने तटीय क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का निर्देश दिया है। श्रावस्ती में आज जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने राप्ती बैराज पहुंचकर बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। श्री सिंह ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा गया है।
पीलीभीत में शारदा और देवहा नदी में आई बाढ़ का पानी शहर से लेकर गावों तक में पहुंच गया है। बाढ़ में फंसे 5 लोगों को वायु सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया।
पूरनपुर के गजरौला में बाढ़ में फंसे 5 लोगों को मंगलवार तड़के वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। एनडीआरएफ, पीएसी और एसएसबी के साथ जिले की पुलिस पीड़ितों की मदद कर रही है। जिले के करीब 35 गांव और एक लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बरसात रुकने और वैराजों से डिस्चार्ज घटने के बाद पानी कम हुआ है। हालांकि सड़क, रेल मार्ग, संचार और विद्युत व्यवस्था अभी भी बाधित है। पिछले 24 घंटे में 2 लोगों की पानी में डूब कर मृत्यु हुई है। आज जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने चंदिया हजारा का दौरा कर पीड़ितो का हाल जाना और खाद्य सामग्री वितरित कराई।