लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में प्रदेश की 10 सीटों पर चुनाव होना है। इसमें संभल की अहम सीट भी शामिल है। इस सीट पर कांग्रेस पिछले 40 वर्षों से नहीं जीती है तो भाजपा आज तक सिर्फ एक बार जीत पाई है। समाजवादी पार्टी के प्रभाव वाली इस सीट पर इस बार पार्टी ने स्वर्गीय शफीकुर्रहमान बर्क के नाती जिया उर रहमान बर्क को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने 2019 के उपविजेता परमेश्वर लाल सैनी को एक बार फिर मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने चौधरी सौलत अली को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर इनके अतिरिक्त 9 अन्य उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
संभल लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभाएं संभल,चंदौसी असमोली, कुंदरकी एवं बिलारी शामिल हैं। संभल लोकसभा सीट पर 18 लाख 97 हजार 882 मतदाता है। यह मतदाता आगामी 7 मई को होने वाले मतदान में 12 प्रत्याशियों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे। संभल लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ भी माना जाता है। इस सीट से समाजवादी पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव दो बार, रामगोपाल यादव एक बार सांसद रह चुके हैं। इस बार सपा ने संभल लोकसभा सीट से पहले शफीक उर रहमान बर्क को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन बीमारी के चलते उनका निधन हो गया, जिसके बाद पार्टी ने उनके नाती जियाउर रहमान बर्क को प्रत्याशी बनाया है, जो कि वर्तमान में कुंदरकी विधानसभा से विधायक हैं। वहीं भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उप विजेता रहे परमेश्वर लाल सैनी को एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने चौधरी शौलत अली को अपना उम्मीदवार बनाया है। संभल लोकसभा सीट को जीतने के लिए सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने में लगी हुई हैं।
Site Admin | मई 2, 2024 8:05 अपराह्न
प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में प्रदेश की 10 सीटों पर चुनाव, संभल की सीट अहम