प्रदेश में मिलावटखोरी रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने एसओपी जारी की है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि इसमें मिलावटी खाद्य पदार्थ निर्माताओं, थोक विक्रेताओं, आपूर्तिकर्ता और फुटकर विक्रेताओं के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि मिलावटखोरी के मामले में पांच लाख रूपये तक जुर्माना और छह साल तक की कैद हो सकती है। वहीं, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि होली को देखते हुए मिलावटखोरों से निपटने के लिए ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिलों को एक श्रेणी, जबकि चम्पावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा को दूसरी श्रेणी में रखा गया है।
इन जिलों के लिए विभाग ने सचल खाद्य लैब की व्यवस्था की है। ये टीमें त्योहारी सीजन में अचानक कहीं भी छापेमारी कर सैंपलिंग कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि मिलावटखोरी की सबसे ज्यादा शिकायतें ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार जिलों से मिलती हैं। इन जिलों में विशेष चेकिंग अभियान चलाकर खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग की जा रही है।