जुलाई 12, 2024 8:46 अपराह्न

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प्रदेश में बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 18 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित

 

प्रदेश में बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 16 जनपदों के 18 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है। प्रदेश में घाघरा नदी बाराबंकी, अयोध्या और बलिया, राप्ती नदी सिद्धार्थनगर और गोरखपुर, बूढ़ी राप्ती सिद्धार्थनगर और क्वानो नदी गोंडा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रदेश में पीलीभीत, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गांडा, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, मुरादाबाद, बरेली, आजमगढ़ और बलिया जनपद बाढ़ से प्रभावित है।

पीलीभीत जिले के बीसलपुर तहसील में कई गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे सभी संपर्क मार्गों पर आवागमन बंद है। जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। उधर उत्तराखंड के बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण बदायूं जिले की रामगंगा नदी के उफनाने से दातागंज तहसील क्षेत्र के गांव दियुरनिया, बेलाडांडी, चपरकौरा, तालिबगंज, शंकरपुर समेत दर्जन भर गांव में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है।

फर्रूखाबाद में आज सुबह नरौरा बांध, बिजनौर बैराज और हरिद्वार बांध से कई हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे गंगा और रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन की ओर से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों पर लगातार राहत पहुंचाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ संबंधी कार्यों और क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिलों के दस अफसरों से जवाब-तलब किया है। लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अम्बेडकर नगर और बलिया के एडीएम एफआर और आपदा विशेषज्ञों से स्पश्टीकरण मांगा गया है।