प्रदेश के उच्च और मध्य हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने वाली पक्षी प्रजातियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के रोपण को लेकर वन प्रभागों की कार्ययोजनाओं में अब अलग से संस्तुति की जा रही है।
मुख्य वन संरक्षक, कार्ययोजना, संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि वन विभाग की ओर से हाल ही में किये गए एक शोध के अनुसार बुरांश प्रजाति के वृक्षों के अलावा झाड़ी प्रजातियों में हिसालू, घिंघारू और किलमोड़ा पर पक्षियों की कई प्रजातियां अपने भोजन, परागण और घोंसला बनाने के लिए निर्भर रहती हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न वन प्रभागों में अब इन वनस्पति प्रजातियों का रोपण किया जाएगा, ताकि राज्य में पाई जाने वाली पक्षी प्रजातियों का संवर्धन और संरक्षण किया जा सके।