प्रदेश में अब खाद्य पदार्थो मे मिलावट के साथ-साथ रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया और फंगस की भी जांच की जाएगी। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि किन कारणों से फूड प्वाइजनिंग होती है। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की प्रयोगशालाओं में होने वाली केमिकल जांच में सिर्फ मिलावट का पता चलता है, बैक्टीरिया और फंगस की मौजूदगी की जांच नहीं होती है।
इसके लिये अब माइक्रोबायोलाॅजी जांच शुरू की जायेगी। यह जांच नवम्बर महीने से लखनऊ और मेरठ की प्रयोगशालाओं में शुरू हो जायेगी। षुरूआत में डिब्बा बंद शिशु आहार, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों, जंक फूड और बोतलबंद पानी की जांच की जायेगी। आगे इसका दायरा और बढ़ाया जायेगा।