जुलाई 14, 2024 8:21 अपराह्न

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प्रदेश के सत्रह जिले इस समय बाढ़ से प्रभावित हैं

प्रदेश के सत्रह जिले इस समय बाढ़ से प्रभावित हैं। राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ प्रभावित जिलों में पीलीभीत, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, षाहजहांपुर, सीतापुर, गोण्डा, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई और अयोध्या शामिल हैं। हालांकि बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बहने वाली प्रमुख नदियों का जलस्तर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है।  

बलरामपुर जनपद में राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निषान से नीचे आ गया हैं। बावजूद इसके जिले के तराई  क्षेत्र के कई गांवों में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिला प्रशासन की टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध करा रही है। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने उतरौला एवं रेहरा बाजार में वहीं सदर विधायक द्वारा कई गांवों में राहत सामग्री का वितरण किया गया।

उधर, संतकबीर नगर में घाघरा, राप्ती, कुआनो नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि अभी यह खतरे के निषान से नीचे है। जिले में बाढ़ से प्रभावित खतरों से बचाव के लिए जिला प्रषासन लगातार स्थिति पर निगरानी बनाये हुए है।

जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह ने बाढ़ से बचाव के लिए की गई व्यवस्थाओं का आज निरीक्षण किया। वहीं लखीमपुर खीरी में बाढ़ के कारण सैकड़ों गांव प्रभावित हुए हैं।

समय से पहले हुई जबरदस्त वर्षा के कारण खीरी जनपद की पांच तहसीलें लखीमपुर, धौरहरा, पलिया, निघासन गोला बाढ़ और कटान से सबसे ज्यादा प्रभावित नजर आ रही है। शारदा घाघरा मोहाना तथा नेपाल से आई नदी सुहेली सहित जनपद की सभी नदियों की बाढ़ ने सैकड़ो गांव और फसलों को अपनी चपेट में ले रखा है। वर्तमान में सभी नदियों का जलस्तर तो लगातार घट रहा है, किंतु अब प्रशासन के सामने कटान तथा आम नागरिकों की जिंदगी को जल्द से जल्द पटरी पर लाना है।

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखीमपुर आकर दिए गए निर्देशों का असर भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। खुद मंडला आयुक्त रोशन जैकब ,जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल बाढ़ व कटान क्षेत्रों में लगातार जाकर राहत सामग्री का वितरण, स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली, टूटे रास्तों की जल्द से जल्द मरम्मत, बिजली व्यवस्था तथा आवश्यक वस्तुओं की जल्द से जल्द पूर्ति सुनिश्चित कराने का प्रयास करती नजर आ रही है।