छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज से गोंचा पर्व की शुरूआत हो गई है। इस पर्व के दौरान जगदलपुर के जगन्नाथ मंदिर में चंदन जात्रा विधान किया गया और देव विग्रहों को चंदन से स्नान कराया गया। इस दौरान भगवान के स्नान के लिए इंद्रावती नदी के महादेवघाट से पवित्र जल लाने की परंपरा निभाई गई। मान्यता के अनुसार देवस्नान जात्रा पूजा विधान के बाद भगवान जगन्नाथ अस्वस्थ हो जाते हैं। इसे अनसरकाल कहा जाता है और इस दौरान कल से लेकर पांच जुलाई तक भगवान जगन्नाथ के दर्शन नहीं होंगे।
दुर्ग स्थित भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर में भी आज भगवान जगन्नाथ के स्नान यात्रा की रस्म निभाई गई। मंदिर के पुजारी तुषार कांति महापात्र ने बताया कि नव यौवन दर्शन और नेत्रोत्सव के बाद भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गोंचा पर्व की शुरुआत पर बस्तर सहित सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कामना की है कि महाप्रभु जगन्नाथ की कृपा सब पर सदैव बनी रहे।
Site Admin | जून 22, 2024 8:09 अपराह्न
प्रदेश के बस्तर में आज से गोंचा पर्व की शुरूआत हुई
