प्रदेशभर में आज श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। बुद्ध पूर्णिमा का दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर जगह-जगह विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में पर्व का विशेष उल्लास है। आज प्रातः महापरिनिर्वाण स्थल से बुद्धम शरणम गच्छामि की गूंज के साथ धूमधाम से रथ यात्रा शुरू हुई, जो स्थानीय गांवों और नगर का परिभ्रमण कर संपन्न हुई। रथयात्रा में बौद्धभिक्षुओं तथा स्थानीय जनता के अलावा विदेशों से आए हुए बौद्ध धर्मावलम्बी भी भारी संख्या में शामिल हुए। इस अवसर पर म्यांमार बौद्ध विहार में विविध कार्यक्रम किए गए। विश्व को शांति का पाठ पढ़ाने वाले उस अनन्य शांति दूत महात्मा बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा के दिन नेपाल के लुंबिनी में हुआ थाएफिर उन्हें बिहार के बोधगया में बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। जिसके साहचर्यए प्रेमए विश्व बंधुत्व और शांति. संदेश की रस धारा आज भी पूरे विश्व के लिए काम्य है। वैशाख पूर्णिमा के दिन ही कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ था। उधरए भगवान बुद्ध के पहले उपदेश स्थल सारनाथ में महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के बौध परिसर में उनके पवित्र अस्थि अवशेष का दर्शन करने के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस दौरान विभिन्न जगहों से आये श्रद्धालुओं ने पवित्र बोध वृक्ष की परिक्रमा भी की।