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जुलाई 21, 2024 9:02 अपराह्न

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प्रदेशभर में आज गुरु शिष्य की पवित्र परंपरा का प्रतीक गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है

प्रदेशभर में आज गुरु शिष्य की पवित्र परंपरा का प्रतीक गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार आज पूर्णिमा की तिथि पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था, इसलिये इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू पूर्णिमा गुरू पूजा का पर्व है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में गुरु को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है। गुरुकृपा शिष्य की सभी प्रकार के विधियाँ से रक्षा करती है।
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में विधि विधान से रुद्राभिषेक कर सभी के लिये सुखषांति, आरोग्यता एवं समृद्धि के लिये कामना की। मुख्यमंत्री ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर नाथ पंथ के गुरुजनों के प्रति श्रद्धा भी व्यक्त की।
प्रयागराज में त्रिवेणी संगम तट पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर दान पुण्य किया। वहीं रामनगरी अयोध्या में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में स्नान करने के बाद श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन किया।
 वहीं वाराणसी में विभिन्न मठों और आश्रमों में शिष्यों ने अपने गुरुओं के पैर पखारे और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। 
गुरु-शिष्य परम्परा का पावन पर्व, गुरु पूर्णिमा, यूँ तो पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है पर देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में इस पर्व का नज़ारा देखते ही बनता है। गुरु पूर्णिमा के दिन काशी के हर मठ-मंदिर में शिष्य का गुरु के प्रति समर्पण देखने को मिलता है, अघोरपीठ, बाबा कीनाराम स्थल, गढ़वाघाट आश्रम, तुलसीघाट, महंत बालक दास आश्रम, धर्मसंघ, पड़ाव स्थित अवधूत भगवान राम आश्रम में गुरु का आशीष पाने को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही। प्रातः काल से ही लोगो ने काशी के विभिन्न घाटों पर स्नान भी किया,वही आषाढ़ पूर्णिमा पर भगवान बुध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।

अमरोहा में गंगा धाम तिगरी और हापुड़ में गढ़मुक्तेश्वर ब्रज घाट पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। चित्रकूट में मंदाकिनी नदी में स्नान के बाद भक्तों ने कामदगिरि की परिक्रमा कर सुख समृद्धि की कामना की।