पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि ऊर्जा, अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है और भारत की ऊर्जा खपत तेजी से बढ़ रही है।
आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के जवाब में श्री पुरी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का अनुमान है कि अगले 20 वर्षों में वैश्विक ऊर्जा मांग में होने वाली वृद्धि का लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा भारत से आएगा।
उन्होंने कहा कि भारत, ऊर्जा आयात पर प्रति वर्ष लगभग 150 अरब डॉलर खर्च कर रहा है। श्री पुरी ने कहा कि ऊर्जा की कीमतें उत्पादन लागत, बीमा लागत, माल ढुलाई, शोधन में लगने वाले व्यय जैसे कारकों से निर्धारित होती हैं।
उन्होंने कहा कि इथेनॉल के लिए उपयोग होने वाले कच्चे माल की शुरुआत चीनी और गन्ने से हुई थी, लेकिन अब कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों जैसे मक्का की ओर ध्यान दिया जा रहा है।
श्री पुरी ने कहा कि इस खरीद के परिणामस्वरूप किसानों को प्रति वर्ष लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे कृषि अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे दबाव को कम करने में भी सहायता मिल रही है।