केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पिछले दिनों पाली प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिये जाने के निर्णय का संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पाली विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर हर प्रसाद दीक्षित ने स्वागत किया है। प्रोफेसर दीक्षित ने आकाशवाणी से विशेष बातचीत में कहा कि पाली एक ऐसी भाषा है, जिसकी संपूर्ण भूमंडल में कोने-कोने पर टीका टिप्पणी मौजूद है।
पाली एक ऐसी भाषा है जो संपूर्ण भूमंडल में उसके ग्रंथ है त्रिपिटक है उनकी आत्म कथाएं हैं, टीकाएँ हैं, काव्य ग्रंथ है, व्याकरण ग्रंथ है इत्यादि का अध्ययन अध्यापन चल रहा है और नए ग्रंथों का सृजन हो रहा है।