पाकिस्तान में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। सितंबर माह में पाकिस्तान का व्यापार घाटा बढ़कर 334 करोड़ डॉलर हो गया। वहीं, निर्यात लगभग 12 प्रतिशत घटकर 250 करोड़ डॉलर और आयात 14 प्रतिशत बढ़कर 600 करोड़ डॉलर हो गया है।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में घाटा 33 प्रतिशत बढ़कर 930 करोड़ डॉलर हो गया, जो घटते निर्यात आधार और बढ़ते आयात बिल को दर्शाता है।
विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए शुरू की गई सेना के नेतृत्व वाली विशेष निवेश सुविधा परिषद-एसएफसी भी अपने लक्ष्य हासिल करने में विफल रही है। माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रमुख कंपनियां इससे बाहर हो गई हैं, और स्थानीय व्यवसायों को बिजली कटौती, अनियमित कराधान और सरकारी हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है।
संकट के बावजूद, पाकिस्तान ने रक्षा खर्च में 20 प्रतिशत यानी 900 करोड़ डॉलर की वृद्धि की, जबकि स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए धन में कटौती की।