पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान ने सीमा पार आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए संयुक्त निगरानी और निरीक्षण तंत्र स्थापित करने के लिए इस्तांबुल में दूसरे दौर की वार्ता की। परन्तु, इस्लामाबाद ने चेतावनी दी है कि यदि वार्ता आतंकवाद संबंधी उसकी मुख्य चिंता का समाधान करने में विफल रहती है, तो युद्ध ही एक विकल्प है।
इस महीने की शुरुआत में हुई झड़पों में दर्जनों सैनिक, नागरिक और आतंकवादी मारे गए, जिससे युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई, लेकिन 19 अक्टूबर को दोहा में दोनों पक्षों की वार्ता के बाद अस्थायी रूप से शांति बहाल हो गई।
परन्तु, तालिबान सरकार ने पाकिस्तान की सेना पर अफ़ग़ानिस्तान को अस्थिर करने और गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया है।