पहाड़ों पर हो रही बारिश और बांधों से लगातार नदियों में पानी छोड़े जाने की वजह से प्रदेश के 24 जनपदों में रहने वाले साढ़े पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। गंगा नदी बदायूं, फर्रूखाबाद, गाजीपुर और बलिया, घाघरा नदी बाराबंकी, अयोध्या और तुर्तीपार में खतरे के निशान को पार कर गई है। वहीं गंगा नदी कन्नौज, कानपुर देहात और कानपुर नगर में खतरे के निशान से महज आधा मीटर नीचे है। नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण वाराणसी, प्रयागराज में नाव के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है।
प्रयागराज में पिछले 5 दिनों से गंगा और यमुना नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि से प्रयागराज के एक दर्जन से अधिक मोहल्लों में बाढ़ की स्थिति बनी है साथ ही 100 से अधिक गांव इससे प्रभावित हैं। बाढ़ के मद्देनजर कक्षा 1 से लेकर 8 तक के सभी बोर्ड के स्कूल आज 18 सितंबर को बंद रखा गया है।
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा सभी बाढ़ ग्रस्त इलाको में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए है। बाढ़ से प्रभावित लोगो के लिए शहर और ग्रामीण दोनो इलाकों में कुल सात जगहों पर अस्थाई कैंप व शरणालय बनाए गए हैं, जहां पर दो हजार से अधिक लोग शरण लिए हुए है।
महोबा जिले के पनवाड़ी विकास खण्ड में क्यौलारी नदी का जलस्तर बढ़ने से वहां आसपास के एक दर्जन गांव का आवागमन प्रभावित हो गया है। घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज, अयोध्या और तुर्तीपार में तथा राम गंगा नदी शाहजहांपुर के डाबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
उधर, मौसम विभाग के भारी वर्शा के पूर्वानुमान को देखते हुए हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर और मैनपुरी के जिला प्रशासन ने आज कक्षा एक से बारह तक के सभी स्कूल-काॅलेज बन्द कर दिये हैं।