राज्यों में बांग्लाभाषी प्रवासी श्रमिकों पर कथित अत्याचार के मुद्दे पर आज पश्चिम बंगाल विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के पांच विधायकों को निलम्बित कर दिया गया । तीन दिवसीय विशेष सत्र का अंतिम दिन आज तनावपूर्ण राजनीतिक दृश्य का साक्षी बना।
मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी जब बांग्लाभाषी प्रवासी श्रमिकों पर कथित अत्याचार के मुद्दे पर बोल रहीं थी तो मुख्य सचेतक शंकर घोष और अग्निमित्र पाल के नेतृत्व में भाजपा के विधायकों ने विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी के निलम्बन के विरूद्ध अपनी आवाज उठाई। सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने भाजपा विधायकों को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी।
अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने भाजपा के विधायक शंकर घोष, अग्निमित्र पाल, मिहिर गोस्वामी, अशोक डिंडा और बंकिम घोष को निलम्बित कर दिया। निलम्बित विधायकों को मार्शल जब बलपूर्वक बाहर निकालने आए तो भाजपा विधायकों और मार्शलों के बीच खीचातानी हुई।
इस बीच मुख्यमंत्री और सदन की नेता ममता बैनर्जी ने विधानसभा में बोलने से रोकने का आरोप भाजपा पर लगाया। मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने सदन को बताया कि 22 लाख प्रवासी श्रमिकों में से 24 हजार प्रवासी श्रमिकों को पश्चिम बंगाल वापस लाया गया है।