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जनवरी 11, 2025 3:36 अपराह्न

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परीक्षाओं और साक्षात्कारों के संचालन में पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही न केवल निष्पक्ष होनी चाहिए बल्कि निष्पक्ष भी दिखनी चाहिए: उपराष्‍ट्रपति

उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि परीक्षाओं और साक्षात्कारों के संचालन में पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही न केवल निष्पक्ष होनी चाहिए बल्कि निष्पक्ष भी दिखनी चाहिए। आज बेंगलुरु में राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्‍होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का दृष्टिकोण था कि एक स्वतंत्र आयोग बनाया जाए जो कार्यकारी प्रभाव से मुक्त हो, जो बेरोजगारी, भाई-भतीजावाद और पक्षपात से रक्षा करेगा।

उन्‍होंने नौकरशाहों और राजनीतिज्ञों द्वारा अपनी पत्नियों के लिए अच्‍छे पद सुरक्षित करने की बढ़ती प्रवृति पर चिन्‍ता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने कहा कि सेवानिवृति के बाद भर्ती और सेवा विस्‍तार करने से ध्‍यान को हटाया जाना चाहिए। यह श्रेणीबद्ध प्रणाली में विसंगति उत्‍पन्‍न करता है। उन्‍होंने सेवानिवृति पद्धति में परिवर्तन का आह्वान किया। शीर्ष स्‍तर की पांच सौ कंपनियां श्रेष्‍ठ उम्‍मीदवारों को रोजगार देती हैं इसका उल्‍लेख करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि सरकार अपने गतिहीन तंत्र पर कायम नहीं रह सकती है। उपराष्‍ट्रपति ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्‍य को साकार करने वाली पारदर्शी और प्रौद्योगिकी से लैस नौकरशाही की कामना की।