पंजाब में मूलसलाधार वर्षा के कारण सतलुज, व्यास और रावी नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। पहाड़ी क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में पानी आने के कारण पूरे राज्य के कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।
इस बीच माझा और दोआबा क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में जलस्तर कम होने लगा है, लेकिन मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में और बारिश की आशंका व्यक्त की है। इससे पटियाला और अमृतसर जैसे पहले से ही प्रभावित जिलों में चिंता बढ़ गई है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य ज़ोरों पर हैं। सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, पंजाब पुलिस और कई स्वयंसेवी संगठन राहत और बचाव कार्य में लगे हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर स्थिति की निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया। उन्होंने मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा से राहत कार्यों में तेज़ी लाने का अनुरोध किया है।
इस बीच, सामाजिक सुरक्षा मंत्री बलजीत कौर ने जल जनित बीमारियों का प्रकोप रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा है। प्रभावित क्षेत्रों में वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।