पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए देश में अपनी तरह का पहला अभियान शुरू किया है। बोर्ड ने पंजाब के छह शहरों- मोहाली, जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और बठिंडा में सबसे ज़्यादा प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करने वाली कंपनियों के बारे में जानकारी करने के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट ब्रांड ऑडिट-2025 किया है। बोर्ड के अनुसार, 4 बहुराष्ट्रीय कंपनियों सहित 14 बड़ी कंपनियां मुश्किल से पुन: प्रयोग करने योग्य प्लास्टिक कचरे में योगदान दे रही हैं और लगभग 59 प्रतिशत गैर-पुनर्चक्रण योग्य कचरे के लिए ज़िम्मेदार हैं। इन कंपनियों की पहचान उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 11,810 प्लास्टिक पैकेटों का विश्लेषण करने के बाद की गई है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्ययन में नगरपालिका के कुल 6 हजार 991 किलोग्राम कचरे में से 613 किलोग्राम कचरे को दोबारा उपयोग योग्य पाया गया है। आकाशवाणी से बातचीत में बोर्ड की अध्यक्ष रीना गुप्ता ने बताया कि इन 14 प्रमुख ब्रांडों को प्लास्टिक प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट और समयबद्ध रणनीति पेश करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वालों की जवाबदेही तय की जाएगी। अध्यक्ष ने बताया कि बोर्ड, पंजाब को एक स्वच्छ और प्लास्टिक-मुक्त राज्य बनाने के लिए नागरिक योगदान के साथ निगरानी, प्रवर्तन और उद्योग सहयोग भी बढ़ाता रहेगा।