मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में छठी गिरफ्तारी की है। इससे पहले अरुणाचलम उल्लानाथन मारुथुवर ने आत्मसमर्पण किया था। पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी हितेश मेहता, जो बैंक का पूर्व महाप्रबंधक था, उसने 2019 से 2025 के बीच बैंक की तिजोरी से पैसे चुराए और इस धन की हेराफेरी में धर्मेश पौन और मारुथुवर ने उसकी मदद की थी। पुलिस ने कहा कि मेहता और पौन को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन घोटाला सामने आने के तुरंत बाद ही मारुथुवर की भूमिका की पहचान कर ली गई थी।
मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों में बैंक के पूर्व सीईओ अंभिमन्यु भोन, मारुथुवर के बेटे मनोहर और कपिल देधिया हैं। कम से कम दो अन्य- बैंक के पूर्व अध्यक्ष हिरेन भानु और उनकी पत्नी, उपाध्यक्ष गौरी भानु-इस मामले में वांछित हैं।