नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्र-विशिष्ट पहलों और समुद्री क्षमता में वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया है। आज नई दिल्ली में हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि समुद्री क्षेत्र में क्षमता निर्माण स्पष्ट होना चाहिए, जिसे पतवारों, एयरफ्रेम, बंदरगाहों, रसद श्रृंखलाओं और औद्योगिक पारिस्थितिकी प्रणालियों के संदर्भ में व्यक्त किया जाना चाहिए, जो किसी राष्ट्र की समुद्र में उपस्थिति और दृढ़ता बनाए रखने की क्षमता को मज़बूत करेंगे।
समुद्री रणनीति, कूटनीति और सहयोग पर देश के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 30 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना ने खुफिया जानकारी और सूचना के आदान-प्रदान को सुगम बनाने के लिए निशार मित्र टर्मिनल विकसित किए हैं। इससे क्षेत्र में भागीदारों के बीच निर्बाध संचार और सहयोग संभव होगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत का लक्ष्य वर्ष 2028 तक लगभग पचास अंतर्राष्ट्रीय संपर्क अधिकारियों की मेजबानी करना है।