नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने हिंद महासागर क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने के लिए त्रि-आयामी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है। 12वें गॉल डॉयलॉग में भारतीय नौसेना प्रमुख ने समावेशी समुद्री क्षेत्र जागरूकता के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की बात कही। उन्होंने भारत के निसार मित्र सॉफ्टवेयर की सफलता का उल्लेख करते हुए अंतर-संचालनीय संचार और सूचना साझाकरण नेटवर्क के बारे में जानकारी दी। श्री त्रिपाठी ने लचीले ढांचे के निर्माण और खतरों के विरुद्ध सामूहिक रक्षा पर भी ज़ोर दिया। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके व्यापक निहितार्थ हैं। एडमिरल त्रिपाठी श्रीलंका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं।
इससे पहले, श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिणी अमरसुरिया ने हिंद महासागर क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया। अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद, श्रीलंका की प्रधानमंत्री ने कहा कि नौवहन की स्वतंत्रता, अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान और चुनौतियों का सामना करने के लिए सूचना के आदान-प्रदान, नौसेनाओं और तट रक्षकों के बीच समन्वय और विश्वास-निर्माण उपायों की आवश्यकता है।