नैनीताल वन प्रभाग ने आगामी वनाग्नि काल 2025 के लिए शीतलाखेत मॉडल के आधार पर प्रभावी रोकथाम और नियंत्रण की रणनीति तैयार कर काम शुरू कर दिया है। वन प्रभागीय अधिकारी चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि ‘फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया’ की साइट पर नियमित निगरानी रखी जा रही है और मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के आधार पर संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। वन विभाग ‘फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड’ मोबाइल ऐप के माध्यम से आम नागरिकों को भी इस प्रयास से जोड़ रहा है। अब तक छह हजार लोग इस ऐप से जुड़ चुके हैं। इस वर्ष शीतकालीन वर्षा न होने के कारण 15 फरवरी से ही वनाग्नि का खतरा बढ़ गया है। इसे ध्यान में रखते हुए एकांतर फुकान और वार्षिक फुकान की अवधि 1 मार्च तक बढ़ा दी गई है। वन विभाग ने आदेश जारी किया है कि 1 अप्रैल 2025 के बाद निजी भूमि पर उगी झाड़ियों, सूखी लकड़ी और अन्य ज्वलनशील सामग्री को जलाने पर प्रतिबंध रहेगा। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
Site Admin | फ़रवरी 20, 2025 1:10 अपराह्न
नैनीताल वन प्रभाग ने वनाग्नि नियंत्रण के लिए शीतलाखेत मॉडल पर शुरू किया कार्य