नेपाल में मधेस प्रांतीय एसेम्बली के अध्यक्ष रामचन्द्र मण्डल के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव दो तिहाई बहुमत से पारित किए जाने के बाद एसेम्बली ने इसे खारिज़ कर दिया। इस प्रस्ताव को विपक्षी दलों के प्रांतीय एसेम्बली सदस्यों ने दर्ज कराया था। असेम्बली में नियमित रूप से बैठक में भागीदारी करने में असफल रहने पर अध्यक्ष मण्डल ने विपक्षी दल के चार सदस्यों को बर्खास्त कर दिया।
सात दलों- नेपाली कांग्रेस, जनता समाजबादी पार्टी नेपाल, जनमत पार्टी, सीपीएन (माओवादी सेंटर), लोकतांत्रिक समाजबादी पार्टी, सीपीएन (यूनीफाइड सोशलिस्ट) और नागरिक उनमुक्ति पार्टी के 64 नीति निर्माताओं ने 13 नवम्बर को यह प्रस्ताव दर्ज कराया था। इन दलों ने विरोध प्रदर्शनों में आरोप लगाया था कि अध्यक्ष मण्डल ने लगातार सीपीएन-यूएमएल के हितों की रक्षा की और महत्वपूर्ण संवैधानिक कार्यवाहियों के दौरान उनकी भागीदारी को बाधित किया।
उपाध्यक्ष बबिता राउत ईशर ने घोषणा की कि प्रांतीय असेम्बली के नियमों और नेपाल के संविधान के अनुसार मधेस प्रांत के राम चंद्र मंडल को आज से उनके पद से मुक्त कर दिया गया है। इससे पहले प्रांत की प्रमुख सुमित्रा सुबेदी ने 10 नवंबर को संविधान के अनुच्छेद 168(3) के तहत बर्दीबास के एक होटल में शपथ दिलाते हुए सरोज कुमार यादव को प्रांत का मुख्यमंत्री नियुक्त किया था। इस कारण नेपाल सरकार ने उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
इस नियुक्ति को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है और याचिका पर फिलहाल सुनवाई चल रही है। साथ ही एक अंतरिम आदेश जारी कर यादव से कहा गया है कि वह ऐसा कोई भी फैसला न लें जिसका दीर्घकालिक प्रभाव हो।