नेपाल के बागमती प्रांत में आयोजित पांच दिवसीय शहद महोत्सव का आज समापन हुआ। महोत्सव में, आगंतुकों को निःशुल्क छह प्रकार के शहद का स्वाद चखने का अवसर मिलता है। यह कार्यक्रम नेपाल सरकार द्वारा प्रायोजित है, जिसका उद्देश्य शहद विपणन को प्रोत्साहित करना और स्थानीय किसानों को मधुमक्खी पालन के माध्यम से अतिरिक्त आय का अवसर प्रदान करना है। महोत्सव में सरसों, लीची, चिउरी, महुआ बटर ट्री, नीलगिरी, मसाले, रूडिलो झाड़ी, सूरजमुखी, कुटू और मोरिंगा के रस से प्राप्त शहद बिक्री के लिए उपलब्ध थे। पौधे के स्रोत के आधार पर, शहद की स्थिरता और गंध भिन्न होती है। शहद प्राकृतिक शर्करा, एंटीऑक्सीडेंट और ट्रेस खनिजों से भरपूर होता है। शहद एक प्राकृतिक स्वीटनर भी है, जिसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधीय उपचारों में किया जाता है।
वहीं, मधुमक्खी पालन किसानों को आजीविका के अवसर प्रदान करता है, यह एक निरंतर अतिरिक्त आय स्रोत है। शहद, मोम और अन्य उप-उत्पादों का स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विपणन किया जाता है, इससे आर्थिक समृद्धि में मदद मिलती है। यह जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य में भी सहयोग करता है।