नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र और प्रदेश में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण कोसी, गंडक, बागमती और महानंदा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इन नदियों के जलस्तर बढ़ने के कारण सात जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, गोपालगंज, कटिहार, सुपौल और सारण के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। पश्चिम चंपारण जिले में गंडक के साथ-साथ सिकटा नदी भी तबाही मचाने लगी है।
हमारे संवाददाता ने बताया कि जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है। वाल्मीकिनगर गंडक बराज़ से आज भी 2 लाख 70 हज़ार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया। इसके बाद दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है। जिले के पिपरासी औऱ ठकरहां प्रखंड के गांवों समेत चकदहवा, झंडू टोला, एसएसबी कैंप और बीन टोली में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। वहीं, योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के जलरपुर- खुटबनिया और सिसवा मंगलपुर पंचायत के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं।
इधर, जिले में सिकटा नदी भी कहर ढाहने लगी है। नदी में आए उफान से घोड़ासहन नहर के अट्ठाईसलखा पुल के पास पश्चिमी सुरक्षा तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कल से सामुदायिक रसोई घर का संचालन शुरू किया जाएगा।