नीति आयोग ने आज इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से “होमस्टे पर पुनर्विचार: नीतिगत मार्ग निर्धारित करना” शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट देश के पर्यटन परिदृश्य में होमस्टे की संभावनाओं को उजागर करने के लिए एक रणनीतिक रोडमैप है।
नीति आयोग की उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने यह रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट स्थानीय उद्यमिता और रोजगार सृजन को बढ़ावा देते हुए सांस्कृतिक रूप से समृद्ध अनुभव प्रदान करने में होमस्टे की भूमिका पर प्रकाश डालती है। रिपोर्ट के अनुसार, देश का होमस्टे बाजार 2024 में 4,772 करोड़ रुपये की बिक्री तक पहुँच गया था।
रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि देश की सांस्कृतिक विविधता और इमर्सिव ट्रैवल की बढ़ती मांग इस बाजार के विकास को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारक थे। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि होमस्टे को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के ऋणों में शामिल करके वित्तीय सहायता भी दी गई। रिपोर्ट में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि केरल और गोवा राज्यों को अपने होमस्टे मॉडल में कुछ सफलता मिली है और इन सीखों और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को पूरे देश में लागू करने का अवसर मौजूद है। इसमें कहा गया है कि इससे होमस्टे क्षेत्र के विकास के अगले चरण को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।