नीट-यूजी और यूजीसी नेट पेपरलीक मामले में केन्द्र सरकार ने बड़ी कार्यवाई करते हुए कई अहम फैसले लिए हैं। सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी-एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को पद से हटा दिया है। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को एनटीए महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसके साथ ही प्रवेश परीक्षाओं की प्रक्रियाओं को विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने के लिए सात सदस्यीय समिति गठित की गई है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर के. राधा कृष्ण को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। यह समिति दो माह में अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंपेगी। यह समिति राश्ट्रीय परीक्षण एजेंसी एनटीए की संरचना और उसके कामकाज में सुधार के साथ डाटा सुरक्षा प्रोटोकाल पर भी सिफारिशें देगी। समिति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेषक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के कुलपति प्रोफेसर डी जे राव, आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर राममूर्ति के, आईआईटी दिल्ली के डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रोफेसर आदित्य मित्तल सदस्य होंगे।
शिक्षा मंत्रालय ने कथित अनियमितताओं की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंप दी है और कहा है कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन इसमें लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस बीच आज होने वाली मेडिकल स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा नीट-पीजी स्थगित कर दी गई है। परीक्षा की नई तिथि शीघ्र ही घोषित की जाएगी। यह निर्णय कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के आरोपों के बाद लिया गया है।
वहीं नीट-यूजी परीक्षा 2024 में कृपांक पाने वाले एक हजार 563 विद्यार्थियों की पुनर्परीक्षा आज आयोजित की गई। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी-एनटीए के अनुसार, पुनर्परीक्षा नहीं देने वाले विद्यार्थियों के परिणाम पिछले महीने की पांच तारीख को हुई परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही घोषित किये जाएंगे।