कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण ने आज एक समिति का गठन किया है। यह वर्तमान प्रक्रियाओं की समीक्षा कर और कम मूल्य के दावों के मामलों में दस्तावेज़ीकरण को सरल बनाने के लिए सुधारों की सिफारिश करेगी।
इस कदम से समय-सीमा में उल्लेखनीय कमी आने, पारदर्शिता में सुधार और निवेशकों को परेशानी मुक्त सेवाएँ मिलने की उम्मीद है। ये सुझाव 5 लाख रुपये तक की प्रतिभूतियों, 15 लाख रुपये तक की डीमैट प्रतिभूतियों और दस हज़ार रुपये तक के लाभांश मूल्य वाले दावों पर लागू होंगे।