भारत और चीन नियंत्रण रेखा के शेष क्षेत्र से पूरी तरह हटने के अपने प्रयास दोगुना करने और इसकी जरूरत पर काम करने पर सहमत हुए हैं। यह सहमति कल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में पोलित ब्यूरो के सदस्य और केन्द्रीय विदेश कार्य आयोग के निदेशक वांग ई के बीच रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बनी। यह बैठक सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेदार ब्रिक्स उच्चस्तरीय अधिकारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक से अलग हुई थी।
इस बैठक के दौरान अजीत डोभाल ने कहा कि सीमा क्षेत्रों में शांति और वास्तविक नियंत्रण रेखा के प्रति सम्मान द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है। दोनों पक्षों को दोनों सरकारों द्वारा विगत के प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और आपसी समझ का पूरी तरह पालन करना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि दोनों पक्षों ने भारत – चीन के द्विपक्षीय संबंधों पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि यह न सिर्फ दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि पूरे क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है।
मंत्रालय ने कहा कि इस बैठक ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों का तत्काल समाधान तलाशने की दिशा में हाल के प्रयासों की समीक्षा करने का एक अवसर प्रदान किया। इस बैठक में बनी सहमति द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और पुन:निर्मित करने की स्थिति बनाएगी। दोनों पक्षों ने वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिति पर विचारों का भी आदान-प्रदान किया।