पंजाब में लगातार वर्षा से ब्यास, सतलुज, रावी और घग्गर नदियों में बढ़ते जलस्तर और भाखड़ा, पौंग और रणजीत सागर बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण सीमावर्ती राज्य हाई अलर्ट पर है। बाढ़ ने राज्य के सभी 23 जिलों के 1650 गाँवों को प्रभावित किया है और एक लाख 75 हजार एकड़ से ज़्यादा कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे धान और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
गुरदासपुर में सर्वाधिक एक लाख 45 हजार लोग बाढ़ प्रभावित हैं। इसके बाद अमृतसर में एक लाख सतरह हजार से ज़्यादा लोग तथा फिरोज़पुर में 39 हजार से ज्यादा और फाज़िल्का में 21 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं। अब तक भीषण बाढ़ में 37 लोगों की जान जा चुकी है और 3 लोग लापता हैं।
भारतीय सेना, वायुसेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ और गैर सरकारी संगठनों द्वारा बचाव और राहत अभियान जारी है।
चंडीगढ़ स्थित मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने 8 सितंबर तक पंजाब में बारिश में उल्लेखनीय कमी आने का अनुमान लगाया है। हालाँकि, हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
उफनती सतलुज नदी ने पटियाला और जालंधर के गाँवों के अलावा अन्य जिलों के गाँवों को भी प्रभावित किया है।
राज्य सरकार ने 7 सितंबर तक सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज राज्य का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे और अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला में प्रभावित ग्रामीणों से मिलेंगे। वे केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।