नगालैंड के राज्यपाल ला गणेशन ने कहा है कि प्रगति और सांस्कृतिक पहचान के बीच संतुलन बनाने की बहुत जरूरत है। जाप्फू क्रिश्चियन कॉलेज में पूर्वोत्तर भारत समाजशास्त्रीय संघ के पहले वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर तेजी से आधुनिकीकरण और स्वदेशी ज्ञान प्रणाली संरक्षण की ओर अग्रसर है।
क्षेत्रीय जीवंत संस्कृति, इतिहास और सामाजिक विकास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने समुदायों के अनुभवों को संरक्षित रखने और सामाजिक न्याय बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया। उनका कहना था कि सतत विकास को बढ़ावा देने वाली समावेशी नीतियों को आकार देने में समाजशास्त्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।