भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आज से नई दिल्ली में प्रोजेक्ट मौसम के अंतर्गत “हिंद महासागर क्षेत्र के भीतर समुद्री नेटवर्क के चौराहे पर स्थित द्वीप” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों के लिए संभावित अंतरराष्ट्रीय विश्व विरासत स्थलों का पता लगाना है। इसमें क्षमता निर्माण, दस्तावेज़ीकरण, ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों के संरक्षण, और पुरातात्विक अन्वेषण और उत्खनन सहित विरासत से संबंधित क्षेत्रों में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा की जाएगी।
इस कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रोजेक्ट मौसम विरासत, विज्ञान और समुदाय का संगम है। उन्होंने कहा कि विरासत को केवल संग्रहालय की वस्तु के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक वातावरण के रूप में माना जाना चाहिए। श्री शेखावत ने कहा कि भारत पारदर्शिता, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानूनों के सम्मान और हिंद महासागर के देशों के बीच सहयोग में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि परियोजना मौसम का उद्देश्य समुद्री सांस्कृतिक नेटवर्क का पुनर्निर्माण करना, लुप्तप्राय तटीय परंपराओं की रक्षा करना, सहयोगात्मक संरक्षण रोडमैप तैयार करना और यह सुनिश्चित करना है कि समुद्री विरासत को न केवल याद रखा जाए, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए सक्रिय रूप से संरक्षित भी किया जाए।