रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार, चाणक्य रक्षा संवाद के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। वह भारतीय सेना की हरित पहल और सेना के डिजिटीकरण के पहले चरण का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री विकास और सुरक्षा के लिए भारत के दृष्टिकोण पर एक व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे, जिसमें 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में व्यापक सुरक्षा के महत्व का उल्लेख किया जाएगा।
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भी अपने संबोधन में राष्ट्र निर्माण में भारतीय सेना के महत्वपूर्ण योगदान और आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी पहल का उल्लेख करेंगे।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम में नीति निर्माता, रणनीतिक विचार, शिक्षाविद, रक्षाकर्मी, कई दिग्गज और वैज्ञानिक शामिल होंगे। अमेरिका, रूस, इज़राइल और श्रीलंका के प्रमुख वक्ता भी संवाद में भाग लेंगे। चाणक्य रक्षा संवाद में विशेषज्ञों के नेतृत्व वाले छह सत्र शामिल होंगे, जिनमें से प्रत्येक व्यापक सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित होगा।
संवाद का उद्देश्य राष्ट्रीय विकास में व्यापक सुरक्षा की भूमिका के मद्देनजर 2047 तक विकसित भारत की दिशा में भारत के रणनीतिक मार्गों का पता लगाना है।