प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांवों को विकास और अवसरों के जीवंत केन्द्रों में बदलकर ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने के सरकार के दृष्टिकोण पर बल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से गांवों के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन उपलब्ध कराने की प्राथमिकता के साथ सरकार, निरन्तर ग्रामीण भारत के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने हर गांव में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। नई दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव के उद्घाटन के बाद अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने यह बात कही। यह महोत्सव 9 जनवरी तक चलेगा। इसका विषय है- विकसित भारत 2047 के लिए आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत का निर्माण।
श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के इरादों, नीतियों और निर्णयों से ग्रामीण भारत में नई ऊर्जा आ रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को 2025-26 तक एक और वर्ष के लिए जारी रखने को मंजूरी दे दी है। श्री मोदी ने कहा कि ग्रामीण समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत अब तक तीन लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि पिछले दशक में कृषि ऋणों की राशि में भी साढ़े तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है और विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी लगातार बढ़ाया जा रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल-जीवन मिशन सहित सरकार के प्रयासों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना है। उन्होंने कहा कि अब लाखों गांवों के हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है। डेढ़ लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी की सहायता से सरकार ने देशभर के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों और अस्पतालों को गांवों से जोड़कर टेली-चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 के शुरू में आयोजित ग्रामीण भारत महोत्सव, भारत की विकास यात्रा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह देश की नई पहचान भी बना रहा है। उन्होंने इसके आयोजन के लिए नाबार्ड और अन्य सहयोगियों को बधाई भी दी।़
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने महोत्सव में भाग लेने वाले शिल्पकारों के साथ बातचीत भी की। इस महोत्सव का उद्देश्य ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मज़बूत बनाना, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का निर्माण और ग्रामीण समुदायों में नवाचार को बढ़ावा देना है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
अपने सम्बोधन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के कल्याण और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 के बाद से साढ़े छह सौ से ज्यादा जी.आई. टैग दिए जा चुके हैं और उसमें से पचास जी.आई. टैग उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
श्रीमती सीतारामन ने बताया कि इस महोत्सव में लगाए गए स्टॉलों में जनजातीय और पुर्वोत्तर के लोगों द्वारा निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इन उत्पादों के लिए कोलेटरल मुक्त ऋण दिए गए थे।
महोत्सव में जीवंत प्रस्तुतियों और प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत की समृद्ध धरोहर का प्रदर्शन किया जा रहा है। महोत्सव का एक मुख्य लक्ष्य उद्यमिता के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना है। यह महोत्सव सरकारी अधिकारियों, ग्रामीण उद्यमियों, शिल्पकारों और विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों को सहयोगात्मक और सामूहिक ग्रामीण बदलाव के वास्ते रूपरेखा तैयार करने का मंच प्रदान करता है।
इस आयोजन का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत पर ध्यान केन्द्रित करते हुए ग्रामीण लोगों की आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना है।