देश के ग्रामीण क्षेत्रों और शैक्षिक दृष्टि से उपेक्षित इलाकों में लड़कियों की शिक्षा के लिए सामुदायिक और सरकारी संसाधन जुटाने के प्रति समर्पित, भारत के एक स्वयंसेवी संस्थान को 2025 के रमन मैग्सेसे पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। द फाउंडेशन टू एजुकेट गर्ल्स ग्लोबली नाम के इस संगठन की स्थापना सामाजिक कार्यकत्री सफीना हुसैन ने 2007 में राजस्थान में की थी। यह संगठन एजुकेट गर्ल्स के नाम से लोकप्रिय है।
2025 के अन्य मैग्सेसे पुरस्कार विजेताओं में मालदीव की पर्यावरण कार्यकर्ता शाहिना अली और फिलीपींस से फ्लेवियानो एंटोनियो एल. विलानुएवा शामिल हैं। पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण-पत्र और नकद राशि दी जाती है। 67वें रमन मैग्सेसे पुरस्कारों का वितरण आगामी 7 नवम्बर को मनीला के मेट्रोपॉलिटन थिएटर में किया जएगा।
रेमन मैग्सेसे की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि एजुकेट गर्ल्स ने लड़कियों की शिक्षा के मामले में सबसे ज़रूरतमंद समुदायों की पहचान की, स्कूल न जाने वाली या स्कूल न जाने वाली लड़कियों को कक्षा में लाया और उन्हें तब तक कक्षा में बनाए रखने का काम किया जब तक वे उच्च शिक्षा और लाभकारी रोज़गार के लिए योग्यता हासिल नहीं कर लेतीं।