राजधानी देहरादून में आज से विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आयुर्वेद एक्सपो की शुरुआत हो रही है। परेड मैदान में आयोजित यह कार्यक्रम आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध, विकास और नई खोजों के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा। इस बार का आयोजन ‘‘डिजिटल स्वास्थ्य, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण‘‘ विषय पर आधारित है, जो आयुर्वेद को नई तकनीकों से जोड़ने पर जोर देगा। इस चार दिवसीय आयोजन में साढे पांच हजार से अधिक भारतीय और तीन सौ पचास से अधिक विदेशी प्रतिनिधि भाग लेंगे, जो आयुर्वेद और स्वास्थ्य से संबंधित नवीनतम तकनीकों और शोध पर चर्चा करेंगे। इस दौरान, विशेष रूप से, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑगमेंटेड रियलिटी और ब्लॉकचेन जैसी नई तकनीकों को आयुर्वेद के साथ एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा, आयुर्वेद एक्सपो में 350 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे, जो लाखों दर्शकों को आकर्षित करेंगे। इस प्रदर्शनी में भारत और विदेशों के प्रमुख आयुर्वेदिक संस्थान अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आयोजन को आयुष मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और अन्य सहयोगी राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है और वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय आयुर्वेदिक उत्पादों को प्रमुखता देने का आह्वान किया है।
इस बीच, 12 दिसंबर से 15 दिसंबर तक आयोजित विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के मद्देनजर देहरादून में परेड ग्राउंड के आसपास यातायात और पार्किंग व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए विशेष डायवर्ट प्लान लागू किया गया है। सम्मेलन के दौरान परेड ग्राउंड के चारों ओर सभी प्रकार के वाहनों, ठेलियों और रेहड़ियों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
सम्मेलन स्थल के आसपास जीरो-जोन रहेगा। वीआईपी और अधिकारियों के वाहन ईसी रोड, सर्वे चौक, रोजगार तिराहा से कान्वेंट तिराहे की ओर जाते हुए वीवीआईपी द्वार से प्रवेश करेंगे। कार्यक्रम में भाग लेने वाले नागरिकों को उनके वाहन निर्धारित ड्रॉपिंग प्वाइंट्स पर छोड़ने होंगे। आयुष सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों के वाहन रेंजर्स ग्राउंड, मंगला देवी इंटर कॉलेज, काबुल हाउस और दून क्लब के पास पार्क होंगे।