देश में पहली जुलाई से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों पर देहरादून में मीडिया कार्यशाला ’वार्तालाप’ का आयोजन किया गया। देहरादून स्थित पत्र सूचना कार्यालय-पी.आई.बी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में पत्रकारों को तीन नए आपराधिक कानूनों की जानकारी दी गई। कार्यशाला में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि ये तीन नए कानून अपराधिक न्याय प्रणाली के मुख्य अंग- पुलिस, अभियोजन, जेल प्रणाली और न्यायपालिका को प्रभावित करेंगे। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इन कानूनों के जरिए भारतीय न्याय संहिता में 190 छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं। साथ ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 360 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 45 बदलाव किए गए हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में सभी अधिकारियों और पुलिस बल को इन कानूनों का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया गया है।
वार्तालाप में पीआईबी की महानिदेशक प्रज्ञा पालिवाल गौड ने कहा कि इन तीन नए कानूनों का लक्ष्य किसी को दण्ड देना नहीं, बल्कि न्याय देना है। उन्होंने कहा कि ये नए कानून पूरी तरह से नागरिकों पर केंद्रित है, जिसमें महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों के लिए व्यापकता के साथ कानून बनाए गए हैं।