देश में नये आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू होंगे। नये आपराधिक कानूनों के तहत भारतीय कानून प्रणाली में छोटे अपराधों के लिये सामुदायिक सेवा की शुरुआत एक क्रांतिकारी कदम है। यह सेवा की प्रकृति को स्वीकृत किये जाने वाले अपराध से जोड़ता है। यह अपराधी को उनके कार्यों के लिये जिम्मेदारी प्रदान करता है और कारावास की व्यवस्था पर बोझ को कम करता है।
सामुदायिक सेवा जरूरतमंद लोगों के विभिन्न समूह की मदद कर सकती है। मसलन, बच्चे, वरिष्ठ नागरिक, विकलांग लोग, भाषा सीखने वाले आदि। यह आश्रय स्थलों पर जानवरों की भी मदद कर सकती है। इसका उपयोग स्थानीय पार्क, ऐतिहासिक इमारतें, दर्शनीय क्षेत्र आदि स्थानों को बेहतर बनाने के लिये किया जा सकता है।
भारतीय न्याय संहिता के अनुसार पांच हजार रुपये से कम के अपराध के लिए संपत्ति की चोरी की पहली सजा, अवैध व्यापार में लोक सेवकों की संलिप्तता, शराबी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक स्थान पर दुराचार और मानहानि जैसे मामलों में अपराधी सामुदायिक सेवा के पात्र होंगे।