देश में नये आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू हो जायेंगे। न्याय सुधार की भावना में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम अंतरराष्ट्रीय निहितार्थों के साथ अभूतपूर्व प्रावधान पेश करते हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय अपराध वाले मामलों में सहयोग के लिए उन्नत रूपरेखा और नए प्रावधान हैं।
इन कानूनों के लागू होने से घोशित अपराधियों की विदेष में संपत्ति की कुर्की हो सकेगी। साथ ही बलात्कार, हत्या, संगठित अपराध, आतंकवादी गतिविधि सहित 100 से अधिक अपराधों को कानून में शामिल करते हुए दायरा बढ़ाया गया है। ये कानून जांच में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं।
इनमें मानव तस्करी और नशीली दवाओं, हथियारों, अवैध वस्तुओं या सेवाओं की तस्करी के कृत्यों में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। आर्थिक अपराध और सीमा पार वाले साइबर अपराधों को भी संगठित अपराध के तहत निपटाए जाने का प्रावधान है। साथ ही विदेशी क्षेत्राधिकार से इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की स्वीकार्यता पर स्पष्टीकरण और उचित प्रक्रियाओं के साथ साक्ष्य के रूप में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की मान्यता है।
नये आपराधिक कानूनों पर सुनिए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के साथ आकाशवाणी लखनऊ की खास बातचीत। कल सुबह सवा नौ बजे 747 किलोहर्टज एएम पर।