देश में नये आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू हो जायेंगे। इसके तहत भारतीय न्याय संहिता 2023 ने गैर इरादतन हत्या की एक नई श्रेणी पेष की है, जो न्याय, निवारण और पीड़ितों की सुरक्षा पर जोर देने के साथ मॉब लिंचिंग के मुद्दे को लक्षित करती है।
नये आपराधिक कानूनों में धारा 103(2) में प्रस्तुत विशेष प्रावधान में मॉब लिंचिंग से संबंधित अपराधों को संबोधित किया गया है। इसमें कहा गया है कि जब पांच या अधिक व्यक्तियों का एक समूह मिलकर नस्ल, जाति या समुदाय, लिंग, स्थान, जन्म, भाशा, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य समान आधार पर हत्याएं करता है। ऐसे समूह के प्रत्येक सदस्य को हत्या के लिए सजा के तहत निर्धारित मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा दी जायेगी। साथ ही उचित जुर्माना भी लगाया जा सकता है।