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नवम्बर 5, 2024 7:00 अपराह्न | President

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देश को न्‍यायपूर्ण और निष्‍पक्ष समाज की ओर ले जाने के लिए न्‍याय प्रणाली को मजबूत करना होगा- राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि देश को न्‍यायपूर्ण और निष्‍पक्ष समाज की ओर ले जाने के लिए न्‍याय प्रणाली को मजबूत करना होगा। राष्‍ट्रपति ने आज शाम राष्‍ट्रपति भवन में सर्वोच्‍च न्‍यायालय के तीन प्रकाशनों का विमोचन करने के बाद यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने भारतीय मूल्‍यों और वास्‍तविकता पर आधारित विधि व्‍यवस्‍था विकसित की है। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि समानता और समान न्‍याय का आदर्श हमारी न्‍याय व्‍यवस्‍था के लिए मार्ग दर्शक सिद्धांत होना चाहिए। उन्‍होंने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि सर्वोच्‍च न्‍यायालय अपनी स्‍थापना के 75वें वर्ष में सार्थक गतिविधियों का आयोजन कर रहा है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि लोक अदालतें लगाना और जिला स्‍तर पर न्‍यायिक अधिकारियों का सम्‍मेलन आयोजित करना न्‍याय प्रणाली की जमीनी वास्‍तविकताओं पर केन्द्रित रहने के दो उदाहरण हैं।

    राष्‍ट्रपति ने जिन प्रकाशनों का विमोचन किया है वे हैं- सर्वोच्‍च न्‍यायालय के 75 वर्ष की यात्रा की झलकियां, सुधार तथा मुकदामों में कमी लाने के लिए जेल नियमों की समीक्षा और विधि विद्यालयों के माध्‍यम से कानूनी सहायता तथा भारत में कानूनी सहायता प्रकोष्‍ठों की कार्यशौली पर रिपोर्ट।

    इस अवसर पर मुख्‍य न्‍यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि जमीनी वास्‍तविकता का सही आकलन किये बगैर कानूनों और नीतियों का प्रभाव सीमित हो जाता है। उन्‍होंने कहा कि आज जिन प्रकाशनों का विमोचन किया गया है, वे पारदर्शिता के परिचायक हैं।