हिन्दी दिवस आज देशभर में मनाया जा रहा है। 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में हिन्दी को देश की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। हिन्दी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में एक है और 52 करोड़ से अधिक लोगों की पहली भाषा है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज नई दिल्ली में राजभाषा हीरक जयंती समारोह और चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। राजभाषा विभाग हिंदी के राजभाषा बनने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर श्री शाह राजभाषा भारती पत्रिका के हीरक जयंती विशेषांक का विमोचन करेंगे और राजभाषा गौरव और राजभाषा कीर्ति पुरस्कार भी प्रदान करेंगे।
गृहमंत्री ने हिन्दी दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं भी दी हैं। श्री शाह ने वीडियो संदेश में इस वर्ष के हिन्दी दिवस के महत्व पर बल देते हुए कहा कि संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि हिन्दी दिवस के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं और यह उपलब्धि राजभाषा के रूप में हिन्दी की हीरक जयंती के रूप में मनाई जा रही है। श्री शाह ने कहा कि सभी भारतीय भाषाएं देश के लिए गौरव और धरोहर की स्रोत हैं तथा इन भाषाओं को समृद्ध किये बिना प्रगति नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है तथा हिन्दी सभी स्थानीय भाषाओं की मित्र है। गृहमंत्री ने कहा कि प्रत्येक भाषा हिन्दी को ताकत देती है और हिन्दी भी गुजराती, मराठी, तेलगू सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत करती है।
श्री शाह ने इस बात की सराहना की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत बनाने के लिए पिछले दशकों में काफी प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिन्दी के महत्व को बढ़ावा दिया है। गृहमंत्री ने कहा कि राजभाषा विभाग शीघ्र हिन्दी से 8वीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में अनुवाद करने के लिए एक पोर्टल का शुभारंभ करेगा। इस पहल के अंतर्गत पत्रों या भाषणों का बहुत कम समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से सभी भाषाओं में अनुवाद हो जाएगा। उन्होंने देश के नागरिकों से हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत करने में एकजुट रहने की अपील की।