विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अफगानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री मावलावी आमीर खान मुत्ताकी ने कल दुबई में द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय घटनाक्रमों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में बताया कि इस बैठक में विदेश सचिव ने दोनों देशों के नागरिकों के सम्पर्क और अफगान के लोगों के साथ भारत की ऐतिहासिक मित्रता का उल्लेख किया।
उन्होंने अफगान के लोगों की तत्काल घटनाक्रमों से संबंधित आवश्यकताओं को लेकर प्रतिक्रिया दिखाने की भारत की तत्परता से अवगत करवाया।
दोनों पक्षों ने भारत के जारी मानवीय सहायता कार्यक्रमों का भी मूल्यांकन किया। अफगान के कार्यकारी विदेश मंत्री ने अफगान के लोगों का समर्थन करने और सम्पर्क को जारी रखने के लिए भारतीय नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया और सराहना की।
विकास गतिविधियों की मौजूदा आवश्यकता को देखते हुए अफगानिस्तान में जारी मानवीय सहायता कार्यक्रम के अलावा भारत निकट भविष्य में इसे विकास परियोजनाओं से जोड़ने पर विचार करेगा।
इस वक्तव्य में कहा गया है कि अफगान के लोगों की आवश्यकताओं के मद्देनजर भारत ने अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता में विस्तार करने का निर्णय लिया है। भारत ने अब तक 50 हजार मिट्रिक टन गेंहू, तीन सौ टन औषधि, 27 टन भूकम्प राहत सामग्री और डेढ करोड़ कोविड टीके की खुराक सहित कई चीजें भेजी हैं।
इसके अलावा, भारत ने अफगानिस्तान को नशीले पदार्थ से छुटकारा कार्यक्रम के लिए ग्यारह हजार इकाई हाइजीन किट्स, शीतकालीन वस्त्र की पांच सौ इकाई और 1.2 टन स्टेशनरी किट्स भी भेजी हैं।
अफगानी पक्ष के निवेदन पर भारत शरणार्थियों के पुनर्वास और स्वास्थ्य क्षेत्र में और सामग्रियों की सहायता प्रदान करेगा। दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान की युवा पीढि़यों के लिए महत्वपूर्ण खेल सहयोग को सशक्त करने पर भी चर्चा की।
अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता सहित व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी। अफगानी पक्ष ने भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति अपनी संवेनशीलता का उल्लेख किया।