दुबई में छठे वार्षिक फ्यूचर फूड फोरम के दूसरे और अंतिम दिन आज खाद्य क्षेत्र में सततता और नवाचार पर व्यापक चर्चा हुई। यह कार्यक्रम 2 अक्टूबर को शुरू हुआ था और इसकी विषय वस्तु- भविष्य के उपभोक्ता, भविष्य की सरकार और भविष्य के भोजन है।
कार्यक्रम में कई पैनल में शाकाहारी मीट पर प्रमुख रूप से चर्चा हुई। पारंपरिक मांस के स्वाद, बनावट और पोषण संबंधी विशेषताओं वाले ये खाद्य उत्पाद सोया, मटर, गेहूं और मशरूम जैसे विभिन्न पौधों के स्रोतों से बनाए जाते हैं। इनके समर्थकों का कहना है कि शाकाहारी मीट ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, भूमि उपयोग और पानी की खपत को कम करते हैं।
पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में उपभोक्ताओं की जागरूकता बढ़ने से बाजार में शाकाहारी मीट का प्रचलन बढ रहा है। प्रमुख खाद्य कंपनियाँ और स्टार्टअप स्वाद, बनावट और पोषण को बेहतर बनाने के लिए अनुसंधान और विकास में भारी निवेश कर रही हैं।