विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा है कि दुनिया को आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति अपनानी चाहिए। रूस के मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की स्थिति बदतर हुई है और इन खतरों को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
विदेश मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, महामारियों और संघर्षों से भरे वर्तमान समय में मानवीय सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एक सभ्य राष्ट्र के रूप में भारत का दृढ़ विश्वास है कि लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान किसी भी ईमानदार संबंध का मूल तत्व है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत दक्षिण पूर्व एशिया में विरासत संरक्षण के अपने व्यापक अनुभव को मध्य एशिया तक विस्तारित करने का इच्छुक है।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत का मानना है कि एससीओ को बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल होना चाहिए और एक विस्तृत एजेंडा के साथ अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए।